कैप्लर के नियम(Kepler's lows )

 टाइको ब्रेह (Tvcho Brahe) के खगोलीय परीक्षणों के आधार पर केप्लर ने सूर्य की परिक्रमा करने वाले ग्रहों की गति के संबंध में निम्नलिखित तीन नियम प्रतिपादित किए जिन्हें ग्रहों की गति के केप्लर के नियम (Kepler's lows of plenetary motion) कहां जाता है 

1) कक्षाओं और का नियम(Law of Orbit)

(2) क्षेत्रीय चाल का नियम(Law of Areal Velocity)(3)परिक्रमण कालों का नियम(Law of Periods)

(1) कक्षाओं का नियम  (Low of orbi)

इस नियम के अनुसार,‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌ऺ‌‌ऺऺ‌‌ऺ‌ऺऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌‌ऺ‌

प्रत्येक ग्रहसूर्य के परित:दीर्घवृत्ताकार(alliptical) पद पर गति करता है तथा सूर्य उस क किसी एक फोकस (नाभि )पर होता हैै

(2) क्षेत्रीय चाल का नियम(Low of Areal  Velocity) 

इस नियम के अनुसार ,``किसी भी ग्रह को सूर्य से मिलने वाली रेखा, अर्थात ग्रह का सूर्य के सापेक्ष त्रिज्य-वेक्टर  ,समान समय अंतरालों में समान क्षेत्रफल तय(sweep) करता है; अर्थात ग्रह की क्षेत्रीय चाल (areal Velocity)नियत रहती है|``

 (3) परिक्रमा कालों का नियम(Law of Periods)

इस नियम के अनुसार ॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔॔ सूर्य  चारों ओर किसी ग्रह द्वारा एक पूरा चक्कर लगाने में लगा समय अर्थात ग्रह का सूर्य के परित परिक्रमण काल T (period of revolution)का वर्ग उसकी दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में के अर्द्ध-दीर्घाक्ष (semi -major axis of  the elliptical orbit)a, का तृतीय घाट के अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात 

T²∞ a³

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